Adama custodia का उपयोग क्या हे? और कैसे इस्तेमाल कर सकते है? कस्टोडिया की संपूर्ण जानकारी।
नमस्कार किसान मित्रों जैसा कि हम सब जानते हैं की हमारी फसल में हर साल फफूंद हमारी पैदावार बढ़ाने में अवरोध खड़ा करती है। और उसके लिए हम सब कीसान भाई अलग-अलग कंपनी की अलग-अलग फफूंदी नाशक दवा का उपयोग भी करते हैं।
पर बाजार में इतनी सारी अलग-अलग किस्म की फफूंदी नाशक दवाई होती है. जिससे किसान भाई परेशान हो जाते हैं की कौन सी दवाई हमारी फसल के लिए उचित है या फिर कौन सी दवाई डालने से हमारी फसल रोग मुक्त हो।
तो आज हम बाजार में मिलने वाले बहुत ही अच्छे फफूंद नाशको में से एक कस्टोडिया के बारे में बात करने वाले हैं. जो की आधुनिक जमाने का फफूंद नाशक है।
Image sourc-google|image by -Adama |
कस्टोडिया का उपयोग क्या है?
कस्टोडिया एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम फफूंद नाशक है, जिसका मतलब है की हमें एक ही दवाई डालने से एक साथ कई सारी फफूंद और रोग के खिलाफ रक्षण मिलेगा। कस्टोडिया दोहरे तरीके से फसल की फफूंद पर प्रहार करता है जिससे कई फफुंदो की बहुत सारी अवस्था में प्रभावशाली नियंत्रण देता है।
कस्टोडिया फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार करके पौधे की गतिविधि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है जिससे किसान को बाजार में अच्छी कीमत मिले और उस पर अच्छा मुनाफा कमा सके।
कस्टोडिया का टेक्निकल क्या है?
किसान भाइयों कस्टोडिया दो सिस्टेमिक fungicide का मिश्रण है. जिसमे azoxystobin 11% और tebuconazole 18.3% sc formulation मे पाया जाता है।ये दोनो सक्रिय तत्व के मिश्रण से ही ये बहोत सारी फफूंद मे प्रभावी रुप से नियंत्रण करता है।
Azoxystobin एक ऐसा फफुंदनाशक है जो फफूंदी के माइटोकोंड्रिया में इलेक्ट्रॉन के बहाव को रोक कर फफूंदी को फैलने से रोकता है।और tebuconazole फफुंदीनाशक
फफूंदी की cell wall के बनने में अवरोध खड़ा करता है जिससे फफूंद प्रजनन नही कर पाती.और हमे फफूंद से अच्छा रिजल्ट मिल सकता है।
कस्टोडिया का उपयोग कौनसी फसल में करना चाहिए? और ये कौनसी फफूंद पर काम करता है?
इसका उपयोग हम अंगुर,प्याज, आलु,टमाटर,मिर्च, चावल और गेहूं जैसी फसलों में कर सकते है।कस्टोडिया के उपयोग से डाई बैक(Die-back), डाउनी मिल्ड्यू (Downy mildew), अर्ली ब्लाइट (Early blight), फ्रूट रोट (Fruit-rot), लेट ब्लाइट(Late blight), पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery mildew), पर्पल ब्लॉच (Purple blotch), शीथ ब्लाइट (Sheath blight), येलो रस्ट (Yellow rust) जैसी फफूंदो पर प्रभावी नियंत्रण करती है।
कस्टोडिया का उपयोग कब और कितना करना चाहिए?
वैसे तो कस्टोडिया का छिड़काव बीमारी आने के पहेले ही करना चाहिए, क्योंकि यह फफूंद को बढऩे से रोकता है और पौधों की ऊर्जा संरक्षण में भी मदद करता है। इसका पहला छिड़काव करने के बाद दूसरा छिड़काव 15-20 दिन बाद फिरसे करना चाहिए, क्योंकि यह फफूंद की विभिन्न अवस्थाओं पर कार्य करता है।
इसका उपयोग 240-300 ml दवाई को 200 लिटर पानी में मिलाके प्रति 1 एकर फसल पर करना चाहिए.जिसमे अलग अलग फसलों में अलग अलग मात्रा में छिड़काव करने की सलाह ही जो नीचे उपलब्ध है।
मिर्च - 240ml/प्रति एकड़, प्याज -300ml/ प्रति एकड़ , चावल -300ml/ प्रति एकड़, गेहूं -300 ml/प्रति एकड़ , टमाटर -300ml/ प्रति एकड़, आलु -300ml/ प्रति एकड़, अंगूर -300ml/ प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़कना चाहिए।
तो किसान भाइयों आज हम ने जाना की कस्टोडिया क्या है?,कैसे काम करता है?,कब उपयोग करना चाहिए?,कैसे उपयोग करना चाहिए? और कोनसी फसल में उपयोग करना चाहिए?
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FAQ SECTION
Q1> कस्टोडिया कौनसी कंपनी बनाती है?
कस्टोडिया का उत्पादन और विक्रेता "Adama India private limited"कंपनी करती है.जो भारत और अन्य देश में भी काफी विश्वशनीय कंपनी है।
Q2> कस्टोडिया को अन्य दवाई के साथ मिला सकते है?
कस्टोडिया को अन्य कीटनाशक और pgr के साथ मिलाने से कोई दुष्परिणाम देखने को नहीं मिलता लेकिन छिड़काव से पहले आपके कृषि निष्णांत जरूर संपर्क करे।
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