BASF xelora का उपयोग कैसे करे?इसका technical क्या हैं? Xelora की संपूर्ण जानकारी।
नमस्कार किसान भाइयों.जैसा की हम सब जानते है की फसल का fungicide से बीज उपचार काफी आवश्यक है।क्योंकि सही तरीके से और सही फफुंदनशक दवाई से बीज उपचार किया जाए तो हमे फसल के शुरुआती दिनों में आने वाली फफूंद को कंट्रोल कर सकते है।और हमारी फसल स्वस्थ रूप से अंकुरित होकर पूर्ण रूप से विकसित होती है।
लेकिन ज्यादातर किसान भाइयों के मन में ये सवाल आता है की बीज उपचार के लिए हम कौनसी फफुंदनाशक दवाई का इस्तेमाल करे? तो आज हम ऐसे ही एक फफुंदनाशक दवाई के बात करेंगे जिससे आपकी समस्या काफी हद तक राहत मिलेगी।जिसका नाम है basf xelora,तो चलिए जानते है इस दवाई के बारे मै।
Image by- Basf |
Xelora क्या है?
Xelora एक बहुपियोगी वर्ग का बहुत ही अच्छा फफूंदी नाशक है।जिसका उपयोग बीज उपचार के लिए किया जाता है।xelora से उपचारित बीज से अंकुरित होने से फसल के शुरुआती दिनों तक फसल में फफूंद से प्रभावी नियंत्रण मिलता है।
Xelora का उत्पादन और विक्रेता BASF India Limited नाम की कंपनी करती है।ये कंपनी भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी काफी जानी मानी और विश्वशनीय कंपनी है।
Xelora का technical क्या हैं? कैसे काम करता है?और कौनसी फफूंद पर काम करता है?
Basf xelora दो बहुत ही महत्वपूर्ण फफूंदी नाशक के मिश्रण से बना है।जिसमे पहला टेक्निकल thiophanate methyl 450 g/l है।और दूसरा टेक्निकल pyraclostrobin 50 g/l है।
Xelora फफूंद की कोशिकाओं के माइटोकॉन्ड्रिया में इलेक्ट्रॉन के पारगमन के अवरोध के रूप में काम करता है।और उनकी चयापचय प्रक्रियाओं में atp गठन में अवरोध डालता है।जिससे फसल को अच्छी तरीके से फफूंदी से रक्षण मिलता है।
Basf xelora सोयाबीन में सीडलिंग रोट,भिंडी में अंकुर रोग (राइज़ोक्टोनिया एसपीपी),मूंगफली में तना सड़न (स्क्लेरोटियम एसपीपी) और आलु में ब्लैक स्कर्फ़ (राइज़ोक्टोनिया एसपीपी) जैसी फफुंदिओ काफी प्रभावी रूप से नियंत्रण करता है।
Xelora का उपयोग कौनसी फसल में,और कितना करना चाहिए?
Xelora का इस्तेमाल अलग अलग फसलों में अलग अलग मात्रा में करने के लिए कंपनी सुझाव देती है जिसकी जानकारी नीचे दी हुई हैं।
सोयाबीन
सोयाबीन में xelora का उपयोग करने के लिए 2-2.5 ml दवाई प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से लेना चाहिए और बीज को समान रूप से कोट करने के लिए पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करके बीज उपचार करना चाहिए।
भिंडी
भिंडी में xelora का उपयोग करने के लिए 3 ml दवाई प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से लेना चाहिए और बीज को समान रूप से कोट करने के लिए पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करके बीज उपचार करना चाहिए।
मूंगफली
मूंगफली में xelora का उपयोग करने के लिए 2-2.5 ml दवाई प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से लेना चाहिए और बीज को समान रूप से कोट करने के लिए पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करके बीज उपचार करना चाहिए।
आलु
आलु में xelora का उपयोग करने के लिए 20 ml दवाई प्रति 100 किलोग्राम बीज के हिसाब से लेना चाहिए और बीज को समान रूप से कोट करने के लिए पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करके बीज उपचार करना चाहिए।
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