Gezeko fungicide क्या है?और इसका उपयोग कौनसी फसल में करना चाहिए?gezeko की संपूर्ण जानकारी।
नमस्कार किसान भाइयों.जैसा की हम सब जानते है की भारत में बहुत सारी फसलों की खेती की जाती है।लेकिन लग भग हर प्रकार की फसल में एक समस्या तो होती ही है।और वो होती ही फफूंद की समस्या।
तो ऐसे में अगर हमे कोई फफूंद का नियंत्रण करने के लिए हमे सही फफुंदी नाशक का उपयोग करना काफी आवश्यक हो जाता है।लेकिन कौनसा फफूंदी नाशक सही रहेगा जो कम खर्चे में ज्यादा से ज्यादा फफूंदी का नियंत्रण कर सके?
तो किसान भाइयों आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम ऐसे ही एक प्रोडक्ट के बारे में बात करने वाले है जिससे हम एक साथ काफी फफूंदी पर और लंबे समय तक प्रभावी नियंत्रण कर सकते हे।तो चलिए जानते है इस दवाई के बारे में जिसका नाम FMC gezeko है।
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Gezeko fungicide क्या है?
Gezeko एक अच्छी गुणवत्ता वाला फफूंदी नाशक है।जिसकी खास बात ये है की इसका उपयोग बहुत सारी फसलों में और बहुत सारी फफूंदी को नियंत्रित करने के लिए कर सकते हे।
Gezeko का उत्पादन Bayer AG,Germany करती है।इसका आयातकर्ता और पुनःपैकिंगकर्ता Bayer cropscience limited करती है।और विक्रेता FMC INDIA PVT LTD करती हैं।
Gezeko का technical क्या है? और ये कैसे काम करता है?
किसान भाइयों अगर हम gezeko के टेक्निकल की बात करे तो ये दो फफूंदी नाशक का मिश्रण है जिसमे पहला टेक्निकल tebuconazole 50% और दूसरा टेक्निकल trifloxystrobin 25% है,जो WG फॉर्मुलेशन मे आता है।
Gezeko फफूंद की कोशिका के प्रजनन में बाधा डालता है।जिससे फफूंद फैलने से रुकती है और अंत में फफूंदी का नाश होता हे।और हमे लंबे समय तक फफूंदी पर प्रभावी नियंत्रण मिलता है।
Gezeko fungicide का इस्तेमाल कौनसी फसल में और कैसी फफूंद के नियंत्रण के लिए कर सकते है?
फसलें और फफूंदी की सूची नीचे दी गई है जिसमे हम gezeko का इस्तेमाल कर सकते है।
धान- पर्णच्छेद अंगमारी, पत्ता झुलसा व गरदन तोड़ झलसा, भद्धे सिट्टे,भूरा पर्ण धब्बा और झूठा कंडुवा रोग
अंगूर- चूर्णी फफूँदी
मिर्च-
मिर्च-चूर्णी फफूँदी, पर्णचित्ति रोग, अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग
गेहूं- पीला गेरूआ, चूर्णी फफूँदी
टमाटर-अगेती अंगमारी
आम-चूर्णी फफूँदी, पर्णचित्ती रोग
कपास- अलटरनेरिया पत्ती धब्बा रोग
केला- सिगाटोरा पत्ती धब्बा रोग
सेब- समय से पूर्व पत्तों का झड़ना चूर्णी फफूँदी
गोबी- अलटरनेरिया पत्ते के अंगमारी पर्ण चित्ती
मक्का- पत्ते के अंगमारी
उडद-सरकोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग
चाय-फफोला अंगमारी
मूंगफली- टिक्का पत्ती धब्बा रोग
Gezeko का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
Gezeko का इस्तेमाल अलग अलग फसल में अलग अलग मात्रा में करना चाहिए जिसकी जानकारी नीचे दी हुई है।
धान- 200-400 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
अंगूर- 175 gm दवाई को 1000/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
मिर्च- 250 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
गेहूं- 300 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
टमाटर- 350 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
आम- 75 gm दवाई को 100/लिटर पानी में मिलाकर पेड के आकार के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
कपास- 300 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
केला- 350 gm दवाई को 750/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
सेब- 40gm दवाई को 100/लिटर पानी में मिलाकर पेड के आकार के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
गोबी- 300 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
मक्का- 350 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
उडद- 300 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
चाय- 125 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
मूंगफली- 350 gm दवाई को 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
तो किसान भाइयों हमे उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा,अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ जानकारी मिली है,तो अपने दूसरे किसान भाइयों को भी इस आर्टिकल को शेयर कीजिए।और आपको इस आर्टिकल के बारे में कोई भी प्रश्न है,तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।
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