Basf priaxor fungicide क्या है? इसका इस्तेमाल कौनसी फसलों में कर सकते हैं? बाद प्रायोक्सर की संपूर्ण जानकारी।

 नमस्कार किसान भाइयों, अगर आप भी सोयाबीन, मूंगफली और कपास जैसी फसलों की खेती करते है।और इन फसलों में आने वाली फफूंदी से परेशान होते होंगे।क्योंकि यह बीमारियां हमारी फसलों के उत्पादन में काफी नुकसान पहुंचा सकती है।

लेकिन किसान भाइयों अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।क्योंकि आज हम आपको ऐसे ही एक प्रोडक्ट के बारे में बताने वाले हैं जो हमारी फसलों में आने वाली फफूंदी के नियंत्रण करने में हमारी मदद करता है।जिसका नाम basf का priaxor fungicide.

Basf priaxor क्या है?

Priaxor fungicide सोयाबीन, मूंगफली और कपास जैसी फसलों में होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक फफुंदीनाशक है।

Priaxor
Image source-google|image by-Basf



इसके आयातकर्ता, पुन:पैककर्ता और विक्रेता BASF india limited नाम की कंपनी करती है यह कंपनी अपने बेहतरीन कृषि उत्पादों के लिए भारत के किसानों मे काफी लोकप्रिय है।

Basf priaxor का technical name क्या है?और ये कैसे काम करता है?

Priaxor के अंदर हमे दो सक्रिय तत्वों का मिश्रण देखने को मिलता है।जिसमे से पहला टेक्निकल Fluxapyroxad 167 gm/ltr है और दूसरा टेक्निकल Pyraclostrobin 333gm/ltr है।इन दोनों टेक्निकल का मिश्रण हमे sc फॉर्मुलेशन के रूप में मिलते है।

 इसके काम करने के तरीके की बात करे तो ये पौधे में तेजी से वितरित होता है और तनाव एवं बीमारियों से राहत देता है।

Priaxor - basf का इस्तेमाल कौनसी फसलों में?कब? और कैसे करना चाहिए?

Priaxor का इस्तेमाल करने वाली फसलों की सूची नीचे दी गई है।

कपास - कपास की फसल में Alternaria Leaf Blight जैसी बीमारी का नियंत्रण करने के लिए पहला इस्तेमाल सफेद फूल खिलने के 7-10 दिनों के भीतर, 120/ml दवाई को 200/लिटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।

 और दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 10 से 15 दिन बाद 120/ml दवाई को 200/लिटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।

मूंगफली - मूंगफली की फसल में टिक्का रोग (Cercospora spp) जैसी बीमारी के नियंत्रण के लिए,मूंगफली की 50 से 60 दिनों की अवस्था पे 120/ml दवाई को 200/लिटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।

सोयाबीन - सोयाबीन की फसल में Cercospora जैसी बीमारी के नियंत्रण के लिए,फली लगने के दौरान 120/ml दवाई को 200/लिटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।

फायदे और विशेषताएं।

> यह फसलों में बीमारियों के साथ साथ तनाव में भी राहत देता है।

> इसका इस्तेमाल करने से लंबे समय तक प्रभाव रहता है।

> बेहतरीन तरीके से बीमारियों का नियंत्रण करने से फसलों का उत्पादन बढ़ता है और इसके परिणाम स्वरूप ज्यादा मुनाफा मिलता है।

तो किसान भाइयों हमे उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा,अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ जानकारी मिली है,तो अपने दूसरे किसान भाइयों को भी इस आर्टिकल को शेयर कीजिए।और आपको इस आर्टिकल के बारे में कोई भी प्रश्न है,तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।

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