Humesol क्या है? इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? Pi Humesol की संपूर्ण जानकारी।
नमस्कार किसान भाइयों,हम सब जानते है की फसल का शुरुआती अवस्था में स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है।क्योंकि अगर फसल शुरुआत से ही कमजोर हो तो हमे उपज की मात्रा में कमी देखने को मिलती है।
लेकिन किसान भाइयों अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम ऐसे ही एक प्रोडक्ट के बारे मे बताने वाले है। जो फसल की शुरुआती अवस्था में स्वस्थ रहने में मदद करता है।तो चलिए जानते है इस प्रोडक्ट के बारे में जिसका नाम है humesol.
Humesol क्या है?
Humesol एक ह्यूमिक एसिड आधारित concentrated aqueous mixture है।जो फसल को स्वस्थ रखने में और उसके शुरुआती विकास में मदद करता है।
ह्यूमसोल के निर्माता और विक्रेता pi industries Ltd नाम की कंपनी करती है। ये कंपनी अपने बेहतरीन कृषि प्रोडक्ट्स और अच्छी क्वालिटी के कारण भारत में काफी लोकप्रिय और विश्वशनीय है।
Image source-google|image by-pi industries |
Humesol का technical क्या है? और ये कैसे काम करता है?
Humesol के अंदर हमे सक्रिय तत्व के रूप में Humic Acid 18% और Fulvic Acid 1.5% मिलता है।जो Aqueous Concentrated Solution ke स्वरूप में आता है।
इसके काम करने के तरीके की बात करे तो ये पौधो की जड़ों की कार्य प्रणाली में सुधार करके पोषक तत्वों का सेवन बढ़ाने में मदद करता है।जिसके परिणाम स्वरूप पौधो के बेहतर विकास में सहायक होता है।
Humesol का इस्तेमाल कौनसी फसलों में? और कैसे करना चाहिए?
Humesol का उपयोग हम लग भग हर प्रकार की फसलों में कर सकते हैं।जैसे की अंगूर,अनार,सेब,केला,संतरा,गन्ना,कपास,टमाटर,भिंडी,मिर्च,बैंगन,गोबी,प्याज,चना,मूंग,अरहर,लहसुन,सोयाबीन,मूंगफली,गेहूं,धान, मक्का आदि
इसका इस्तेमाल हम दो तरीकों से कर सकते है।ड्रिप इरिगेशन के द्वारा और पत्तिओ पे छिड़काव के द्वारा।ड्रिप सिंचाई के द्वारा प्रयोग करने के लिए 2500/ml दवाई को प्रति हेक्टर के हिसाब से उपयोग करना चाहिए।और पत्तीओ पे छिड़काव के लिए 1250/ml दवाई 500/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
सावधानी।
> इस्तेमाल से पहले लेबल को पढ़े और अपने कृषि विशेषज्ञ की सलाह अनुसार प्रयोग करे।
> उपयोग से पहले बोतल को अच्छे से हिलाएं।
> कमरे के तापमान पर स्टोर करें और सीधे सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने से बचें।
Pi humesol के फायदे।
> ये जड़ों की कार्य प्रणाली में सुधार करता है।
> पोषक तत्वों का सेवन बढ़ाने में मदद करता है।
> ये पौधो के वृद्धि और विकास में मदद करता है।
तो किसान भाइयों हमे उम्मीद है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा,अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ जानकारी मिली है,तो अपने दूसरे किसान भाइयों को भी इस आर्टिकल को शेयर कीजिए।और आपको इस आर्टिकल के बारे में कोई भी प्रश्न है,तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।
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