Syngenta kavach का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? इसका technical क्या है? Kavach fungicide की संपूर्ण जानकारी।
नमस्कार किसान भाइयों, अगर आप मूंगफली,आलु और मिर्च जैसी फसलों की खेती करते है।और इन फसलों में आने वाली अलग-अलग प्रकार की फफुंदियो को नियंत्रित करने के लिए चिंतित होते हैं?
लेकिन किसान भाइयों अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।क्योंकि आज हम ऐसे ही एक प्रोडक्ट के बारे में बात करने वाले है।जो हमारी फसलों में आने वाली अलग-अलग प्रकार की फफुंदियो को नियंत्रित करने में मदद करता है।जिसका नाम है syngenta kavach.
Kavach fungicide क्या है?
Kavach फसलों में फफुंदिओ को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक नॉन-सिस्टमिक बहुपियोगी फफूंदी नाशक है।जिसका मतलब है की एक प्रोडक्ट के इस्तेमाल से अलग-अलग प्रकार की फफुंदियो को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इसके उत्पादक और विक्रेता syngenta india limited. नाम की कंपनी करती है। यह कंपनी अपने बेहतरीन कृषि उत्पादों और अच्छी क्वालिटी के लिए भारत समेत पूरे विश्व में काफी लोकप्रिय है।
Kavach fungicide का content क्या है?और ये कैसे काम करता है?
कवच फफूंदी नाशक के अंदर हमे सक्रिय तत्व के रूप में CHLOROTHALONIL 75% WP फॉर्मुलेशन में देखने को मिलता है।जिसका मतलब wettable powder होता है।
Image source-google|image by-Bighaat |
इसके काम करने के तरीके की बात करे तो,इसके छिड़काव के बाद इसके संपर्क आने वाली फफूंदी पर ये प्रभावी रूप से नियंत्रण करता है।और फफूंदी को बढ़ने से रोकता है।
Kavach fungicide का dose क्या है? इसका इस्तेमाल कौनसी फसलों में? और कैसे करना चाहिए?
kavach का इस्तेमाल करने वाली फसलों की सूची नीचे दी गई है।
मूंगफली - मूंगफली की फसल में थी टिक्का रस्ट के नियंत्रण के लिए 875/gm से 1150/gm दवाई को 600/लिटर से 800/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
आलु - आलु की फसल में अर्ली ब्लाइट और लेट ब्लाइट जैसी बीमारियों के नियंत्रण के लिए 875/gm से 1250/gm दवाई को 600/लिटर से 800/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
मिर्च - मिर्च की फसल में फ्रूट रोट के नियंत्रण के लिए 800/gm दवाई को 750/लिटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
सावधानी।
> विभिन्न प्रकार के फसल पौधे क्लोरोथालोनिल के प्रति सहनशील हैं और जब अनुशंसित अभ्यास के अनुसार स्प्रे किया जाता है तो उनमें कोई फाइटोटॉक्सिसिटी नहीं होगी। हालाँकि, क्लोरोथालोनिल के प्रत्यक्ष अनुप्रयोग के परिणामस्वरूप और एडिटिव्स या अन्य के साथ क्लोरोथालोनिल फॉर्मूलेशन के शारीरिक रूप से असंगत मिश्रण के परिणामस्वरूप कुछ प्रजातियों में फाइटोटॉक्सिक प्रतिक्रियाएं हुई हैं।
> इसके अलावा अन्य फसलों पर भी इसका प्रयोग कर सकते हैं।लेकिन दूसरी फसलों पर इस्तेमाल करने से पहले अपने कृषि विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले।और इसके बाद कृषि विशेषज्ञ की सुझाई गई मात्रा और सलाह अनुसार प्रयोग करे।
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